मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर यह साबित कर
दिया की जन समस्याओं के निवारण लिए किसी विशेष मंच की आवश्यकता नहीं। किस्सा आज
सुबह का है, रोजमर्रा की तरह आज भी मुख्यमंत्री
प्रातः सैर पर थे, कि उन्हें वर्षाशालिका में बैठी कुछ
महिलाएं दिखीं।
हुआ यूं की यह महिलाएं कांगड़ा जिला से रात्रि बस सेवा से अपने
दुख-दर्द लेकर यहां पहुंची थी और उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने का समय लेना था।
उनकी किस्मत कहिए या मुख्यमंत्री का बड़प्पन, उनसे पूछने पर कि इतनी सुबह यहां कैसे और
क्यों, पता चला कि यह सभी ट्रेंड नर्सरी टीचर्स
(एनटीटी) हैं जो अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने आई हैं। उनकी मांग थी
कि ट्रेंड नर्सरी टीचर्स जो पहले से लगी हुई हैं,
उन्हें नौकरी में पहले
लिया जाए और प्री-प्राइमरी स्कूल में शीघ्र नर्सरी टीचर्स की भर्ती करवाए जाने के
लिए भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने अपना दरबार वहीं लगा लिया। उनकी बात सुनी भी, अपनी
कही भी। यह साबित कर दिया कि समस्याओं के निवारण के लिए किसी विशेष मंच की आवश्कता
नहीं, जहां जन,
वहीं मंच। मुख्यमंत्री
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह संदेश भी दे दिया की जन सेवा के लिए निष्ठा और लगन की
जरूरत होती है न कि किसी विशेष स्थान या मंच की।
Comments
Post a Comment